🔔 नई नीति से खुलेंगे रोजगार के द्वार
भारत सरकार अब पूर्व अग्निवीरों को सशस्त्र बलों से रिटायर होने के बाद एक सुनहरा अवसर देने की तैयारी में है। OPOP (Opportunities for Placement of Ex-Agniveers) नीति 2.0 के तहत राज्य पुलिस और पीएसी (प्रांतीय आर्म्ड कॉन्स्टेबुलरी) में 20% आरक्षण दिए जाने का प्रस्ताव है।
यह निर्णय न केवल देश की सुरक्षा से जुड़े युवाओं को एक स्थायी रोजगार देगा, बल्कि उनके प्रशिक्षण और पुनर्वास को भी आसान बनाएगा।

📌 क्या है OPOP नीति 2.0?
OPOP यानी Opportunities for Placement of Ex-Agniveers एक ऐसी नीति है जो रक्षा सेवाओं में चार साल पूरा कर चुके अग्निवीरों को दूसरी सरकारी सेवाओं में प्राथमिकता देती है।
OPOP 2.0 के संभावित लाभ:
- पुलिस और पीएसी में 20% आरक्षण
- आयु सीमा में छूट (वर्तमान नियमों के अतिरिक्त राहत)
- सरकारी विभागों में प्राथमिकता
- रोजगार, प्रशिक्षण और पुनर्वास में सहायता
🧭 नीति का उद्देश्य
सरकार का लक्ष्य है कि सेना से प्रशिक्षित होकर निकले अग्निवीरों को बेरोजगारी की समस्या न झेलनी पड़े। ये युवा न केवल अनुशासित और प्रशिक्षित होते हैं, बल्कि देशभक्ति की भावना भी उनमें रची-बसी होती है। इसी को देखते हुए विभिन्न विभागों में इन्हें वरीयता देने की दिशा में सरकार सक्रिय है।
🏛️ आज हो सकता है बड़ा फैसला
इस संबंध में कैबिनेट बैठक आज होनी है, जिसमें OPOP नीति 2.0 पर अंतिम मुहर लग सकती है। अगर यह नीति पारित हो जाती है, तो यह देशभर के पूर्व अग्निवीरों के लिए एक नई शुरुआत का संकेत होगा।
🔍 क्यों है यह कदम जरूरी?
- हर साल हजारों अग्निवीर सेना की सेवा पूरी कर बाहर आते हैं
- उन्हें समुचित पुनर्वास और स्थायी रोजगार की जरूरत होती है
- सेना में सेवा के दौरान मिले अनुशासन और ट्रेनिंग को सिविल सेवाओं में उपयोग किया जा सकता है
- यह निर्णय सामाजिक सुरक्षा और देश की आंतरिक सुरक्षा – दोनों को मजबूत करेगा
✅ निष्कर्ष
पूर्व अग्निवीरों को 20% आरक्षण देने का प्रस्ताव एक स्वागत योग्य कदम है जो उनकी सेवा का सम्मान करता है और उनके उज्ज्वल भविष्य की राह खोलता है। यदि कैबिनेट इस पर हरी झंडी देती है, तो यह न केवल एक नीति बदलाव होगा, बल्कि लाखों युवाओं की उम्मीदों को नयी उड़ान देगा।
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