शहीद दिवस 2025: भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को नमन

शहीद दिवस 2025: भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को नमन

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हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस (Shaheed Diwas – Martyrs Day) मनाया जाता है। यह दिन उन वीरों को समर्पित है जिन्होंने भारत की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। खासतौर पर, यह दिन भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत को याद करने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने 23 मार्च 1931 को ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष करते हुए फांसी को गले लगा लिया था।

इसके अलावा, 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर भी शहीद दिवस मनाया जाता है। यह दिवस हमें स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान से प्रेरणा लेने और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संदेश देता है।

शहीद दिवस 2025: भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को नमन

भगत सिंह: एक क्रांतिकारी व्यक्तित्व ✊

भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के लायलपुर जिले में हुआ था। वे एक महान क्रांतिकारी थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाई और युवाओं के लिए प्रेरणा बने। उन्होंने लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने के लिए सांडर्स की हत्या की और असेंबली में बम फेंककर ब्रिटिश सरकार को चुनौती दी।

सुखदेव: साहस और समर्पण की मिसाल 🕊️

सुखदेव का जन्म 15 मई 1907 को लायलपुर, पंजाब में हुआ था। वे भगत सिंह के घनिष्ठ मित्र और साथी क्रांतिकारी थे। दोनों ने लाहौर नेशनल कॉलेज में साथ पढ़ाई की और हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य थे।

राजगुरु: अदम्य साहस के प्रतीक 🗡️

शिवराम हरि राजगुरु का जन्म 24 अगस्त 1908 को पुणे जिले के खेड़ा में हुआ था। वे लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के विचारों से प्रभावित थे और शिवाजी की छापामार शैली के प्रशंसक थे। उन्होंने भगत सिंह और सुखदेव के साथ मिलकर सांडर्स की हत्या में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

23 मार्च 1931: बलिदान की अमर कहानी 🕯️

23 मार्च 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी गई। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया और स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी।

प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं की श्रद्धांजलि 🙏

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीदों को नमन करते हुए X (Twitter) पर एक वीडियो साझा किया और लिखा:

"आज हमारा देश भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के सर्वोच्च बलिदान को याद कर रहा है। स्वतंत्रता और न्याय के लिए उनका निडर प्रयास हम सभी को प्रेरित करता है।"

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा:

"‘शहीदी दिवस’ पर मैं भारत माता के अमर सपूतों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। भारत माता को दासता की बेड़ियों से आज़ाद कराने में जिन क्रांतिकारियों ने अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया उनमें इन तीनों का नाम स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा।
उनके अद्वितीय साहस और मातृभूमि की सेवा में बलिदान का जज़्बा हमेशा हमें प्रेरित करता रहेगा।"

गृह मंत्री अमित शाह

अमित शाह ने कहा:

"माँ भारती के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद भगत सिंह, राजगुरु, और सुखदेव को ‘शहीद दिवस’ पर स्मरण कर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। इन महान क्रांतिकारियों ने अपने जीवन से यह सिद्ध किया कि राष्ट्रप्रेम से बड़ा कोई कर्त्तव्य नहीं होता है। अपने शौर्य और ओजस्वी विचारों से युवाओं में देशभक्ति का संचार कर, राष्ट्रव्यापी स्वाधीनता आंदोलन की अलख जगाने वाले भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का बलिदान युगों-युगों तक देशवासियों को ‘राष्ट्र हित सर्वोपरि’ की प्रेरणा देता रहेगा।"

स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा

जेपी नड्डा ने लिखा:

"आजादी के अमर सेनानी, माँ भारती के वीर सपूत अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 'शहीद दिवस' पर शत-शत नमन करता हूँ। देश के करोड़ों युवाओं के मन में तीनों क्रांतिकारियों ने अपने शौर्य, पराक्रम व साहस से स्वाभिमान का संचार किया। स्वतंत्रता आंदोलन में उनके बलिदान ने राष्ट्रव्यापी स्वाधीनता आन्दोलन की अलख जगाई थी।
भारत माता के इन पराक्रमी सपूतों के त्याग, संघर्ष और आदर्श की कहानी इस देश को हमेशा प्रेरित करती रहेगी।"

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

पीयूष गोयल ने कहा:

"क्रांतिकारी भगत सिंह जी, राजगुरु जी और सुखदेव जी का नाम आते ही अंग्रेजों की नींद उड़ जाया करती थी। 
उन्होंने माँ भारती की सेवा को अपने जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य मानते हुए, जन-जन में स्वतंत्रता की जागरूकता फैलाई।

ऐसी महान विभूतियों को उनके बलिदान दिवस पर शत्-शत् नमन। ये राष्ट्र आपके समर्पण का ऋणी रहेगा।"

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ ने लिखा:

"अमर बलिदानी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने अपने अदम्य साहस व क्रांतिकारी विचारों से स्वाधीनता आंदोलन को नई दिशा दी थी। आज इन वीर सपूतों के बलिदान दिवस पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि!

मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को कृतज्ञ राष्ट्र सदैव नमन करता रहेगा।"

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

देवेंद्र फडणवीस ने कहा:

"भारत माता के सच्चे नायकों शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीद दिवस पर उनके अद्वितीय बलिदान के लिए नमन।"

भगत सिंह के अनमोल विचार 📝

🔥 “क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है।”

🔥 “अगर बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा।”

🔥 “बुराई तब नहीं बढ़ती जब बुरा करने वाले बढ़ जाते हैं, बल्कि तब बढ़ती है जब सहने वाले चुप हो जाते हैं।”


शहीद दिवस का महत्व 🌿

बलिदान की याद: यह दिन हमें उन वीरों की याद दिलाता है जिन्होंने भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष किया।

देशभक्ति की भावना: यह दिवस युवाओं में देशभक्ति और समाज के प्रति जिम्मेदारी का भाव जगाता है।

प्रेरणा का स्रोत: भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का बलिदान हमें न्याय और सच्चाई के लिए लड़ने की प्रेरणा देता है।


FAQs: शहीद दिवस से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल 🤔

1. शहीद दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

शहीद दिवस हर साल 23 मार्च और 30 जनवरी को मनाया जाता है। 23 मार्च को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत को याद किया जाता है, जबकि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर इसे मनाया जाता है।

2. भगत सिंह को शहीद दिवस पर क्यों याद किया जाता है?

भगत सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख क्रांतिकारी थे। उन्होंने अपने विचारों और कार्यों से देश के युवाओं को प्रेरित किया और अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ खुलकर लड़ाई लड़ी।

3. क्या शहीद दिवस पर कोई विशेष आयोजन होता है?

हाँ, इस दिन विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी कार्यालयों और समाजिक संगठनों द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है। कई स्थानों पर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया जाता है।


निष्कर्ष 🙏

शहीद दिवस केवल एक यादगार दिन नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है। यह हमें याद दिलाता है कि आज़ादी हमें आसानी से नहीं मिली, इसके लिए हजारों क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी। आइए, हम उनके सपनों का भारत बनाने के लिए ईमानदारी और समर्पण से कार्य करें।

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