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✨ गणित के जगमगाते सितारे श्रीनिवास रामानुजन को पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि 🙏

Published on: April 26, 2025
✨ गणित के जगमगाते सितारे श्रीनिवास रामानुजन को पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि 🙏
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आज का दिन गणित और भारतीय प्रतिभा के इतिहास में विशेष महत्व रखता है। 26 अप्रैल को हम उस महान गणितज्ञ को याद करते हैं, जिन्होंने दुनिया को यह दिखा दिया कि साधन सीमित होने पर भी ज्ञान की ऊँचाइयों को छुआ जा सकता है। हम बात कर रहे हैं — श्रीनिवास रामानुजन की।

✨ गणित के जगमगाते सितारे श्रीनिवास रामानुजन को पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि 🙏

👶 एक विलक्षण बालक का जन्म

22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के इरोड शहर में जन्मे रामानुजन बचपन से ही असामान्य थे। उन्होंने गणित को अपने शिक्षक की बजाय एक आत्मज्ञान की तरह सीखा। स्कूल की शिक्षा के दौरान ही वह जटिल समीकरणों को बिना किसी औपचारिक प्रशिक्षण के हल करने लगे थे।

📚 गणित की दुनिया में अनमोल योगदान

रामानुजन की सबसे खास बात यह थी कि उन्होंने लगभग 3,884 गणितीय सूत्रों और प्रमेयों का निर्माण किया — और वह भी अपने दम पर। इनमें से ज़्यादातर को बाद में गणितज्ञों ने सत्यापित भी किया।

उनकी विशेष रुचि निम्न क्षेत्रों में रही:

  • संख्या सिद्धांत
  • अनंत श्रेणियाँ और श्रृंखलाएँ
  • सतत भिन्न
  • बीजगणित और विश्लेषण
  • ज्यामिति से जुड़े मौलिक प्रयोग

उनका गणित केवल संख्या का खेल नहीं था, बल्कि एक प्रकार की कला थी, जिसे उन्होंने आत्मा से महसूस किया और काग़ज़ पर उतारा।

🌍 विदेश में पहचान और सम्मान

1913 में रामानुजन ने ब्रिटेन के गणितज्ञ जी. एच. हार्डी को अपने कुछ सूत्र भेजे। हार्डी उनकी प्रतिभा से इतने प्रभावित हुए कि उन्हें कैंब्रिज यूनिवर्सिटी आमंत्रित किया। वहां रामानुजन ने कई महत्वपूर्ण शोध किए और 1918 में उन्हें रॉयल सोसाइटी का सदस्य भी बनाया गया — यह सम्मान बहुत कम भारतीयों को मिला है।

🧠 एक आध्यात्मिक गणितज्ञ

रामानुजन का मानना था कि उन्हें उनके गणितीय सूत्र एक देवी (नामगिरी देवी) की कृपा से मिलते हैं। उनके सूत्र कई बार इतने उन्नत होते थे कि उन्हें साबित करने में बाद के गणितज्ञों को वर्षों लग गए।

🧪 विज्ञान और तकनीक में उनका प्रभाव

रामानुजन की कुछ खोजें हाल ही में क्रिस्टल-विज्ञान (Crystallography) में उपयोग की जा रही हैं। उनकी प्रेरणा से गणितीय शोध को आगे बढ़ाने के लिए एक विशेष जर्नल — The Ramanujan Journal भी प्रकाशित किया जाता है।

🕯️ अल्पायु में अमरता

रामानुजन का निधन मात्र 32 वर्ष की आयु में हुआ, लेकिन इतने छोटे जीवन में उन्होंने जो विरासत छोड़ी, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई। उनके जीवन पर बनी फिल्म “The Man Who Knew Infinity” आज भी दर्शकों को उनके संघर्ष और प्रतिभा की झलक दिखाती है।

📌 निष्कर्ष

रामानुजन सिर्फ एक गणितज्ञ नहीं थे — वो एक विचारधारा थे, जो हमें यह सिखाते हैं कि परिस्थिति चाहे जैसी भी हो, अगर आत्मा सच्ची लगन से काम करे, तो दुनिया भी आपके ज्ञान के सामने झुकती है।

आज उनकी पुण्यतिथि पर हम उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और प्रण करते हैं कि हम उनकी तरह कुछ नया सोचने और करने की प्रेरणा अपने भीतर जगाएं।

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